हाल में ही श्री राम मंदिर में घोटाले का आरोप सपा नेता एवं पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय ने लगाया था,जिसकी हवा 24 घंटे बाद निकलनी शुरू हो गयी। उन्होंने मुख्य आधार लेकर यह आरोप लगाया था कि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.50 करोड़ में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया है,वहीं उसी भूमि का रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने उसी तारीख 10 मिनट पूर्व ही 2 करोड़ में एग्रीमेंट कराया है।
उन्होंने यह भी कहा कि जमीन को लेकर करोडों रुपये का घोटाला किया गया है। जैसे जैसे ही मामला आगे बढ़ा है तो उसकी सच्चाई निकल करके सामने आने लगी है,4 मार्च 2011 को ही मो इरफान,हरिदास एवं कुसुम पाठक ने दो करोड़ में इसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया था,वहीं तीन साल बाद इसका नवीनीकरण किया गया है।
2017 में यही भूमि हरिदास एवं कुसुम पाठक ने भूमि के मालिक नूर आलम,महफूज आलम एवं जावेद आलम से खरीदी। इसके बाद 17 सितंबर 2019 को रविमोहन तिवारी,सुल्तान अंसारी ने सहित आठ लोगों ने हरिदास एवं कुसुम पाठक से खरीद ली। वहीं मंत्री ने जो हिसाब से बताया है वह तय मूल्य से मेल नहीं खा रहा है,वहाँ का तय सर्किल रेट 4800 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से उसकी कुल कीमत पाँच करोड़ 79 लाख 84 हजार होती है। इस हिसाब से देखें तो ट्रस्ट ने वहाँ की जमीन की कीमत काफी कम चुकाई है।