बिहार सरकार ने एक अभूतपूर्व फैसला लेते हुये सवर्णों को भी प्रमाणपत्र जारी करने का फ़ैसला किया है,इस प्रमाणपत्र में उनकी जाति का भी जिक्र होगा। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिये गये है साथ ही इनसे संबंधित सभी अधिकारियों को इनकी प्रति भी भेज दी गयी है। इस प्रमाणपत्र को जारी करने से पहले लोगों की आर्थिक स्थिति का आकंलन किया जायेगा अगर वह आर्थिक स्थिति में कमजोर पाये जाते है तो उनको प्रमाणपत्र जारी होंगे। आपकों बता दे कि बिहार में आर्थिक रूप से कमजोर लोंगो को सरकारी सेवाओं में 10 फीसद का आरक्षण दिया जा रहा है,इसके पहले सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके बाबत 2019 में आदेश जारी किया था लेकिन इसके लिये कोई स्पष्ट नीति नहीं बनी थी।
सरकार ने इस बार यह आदेश पारित करने से पहले पूरी आबादी का दो भागों में वर्गीकरण किया है,जिनमें से एक सूची में आरक्षित वर्ग (अनुसूचित जाति,जनजाति,पिछड़ा,अत्यंत पिछड़ा) शामिल है। वहीं दूसरे वर्ग में सवर्ण वर्ग शामिल है,इनमें ब्राम्हण, राजपूत,भूमिहार एवं कायस्थ,सैय्यद,शेख एवं पठान सम्मिलित है। सरकार द्वारा जारी इस प्रमाणपत्र पत्र का उपयोग सवर्ण वर्ग सरकारी सेवाओं में सुविधा हासिल करने के लिये कर सकेगा,जोकि अब अंचल में तैनात सक्षम अधिकारी द्वारा जारी किये जा सकेंगे।