मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है जहाँ से एक इंसानियत में सवाल खड़े करने वाली घटना सामने आयी है। जानकारी के मुताबिक एक परिवार को आर्थिक तंगी के चलते दस दिनों से रोटी नसीब नहीं हुई,जिसके चलते उनकी हालत बिगड़ गयी। अलीगढ़ के थाना सासनी गेट इलाके के मंदिर नगला में गुड्डी नाम की महिला अपने पाँच बच्चों के साथ रहती है,बच्चों में से अजय (20 वर्ष),विजय(15),बेटी अनुराधा(13 वर्ष),टीटू(10वर्ष) और सबसे छोटा बेटा सुंदरम शामिल है। जानकारी के मुताबिक गुड्डी के पति की मृत्यु 2020 में कोरोना लॉकडाउन में हो गयी थी।
गुड्डी ने परिवार चलाने के लिये एक फैक्टरी में 4 हजार महीने प्रतिमाह पर नौकरी शुरू की लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण वह फैक्टरी भी बन्द हो गयी। इसके बाद गुड्डी को कहीं काम न मिला वही उसके बड़े बेटे अजय ने मजदूरी आ काम शुरू किया। लेकिन जिस दिन अजय को काम न मिलता उस दिन घर में खाने के लाले पड़ गये। वहीं फिर कोरोना के चलते लॉकडाउन लग गया जिससे अजय का मजदूरी का काम भी बंद हो गया,इस दौरान आस पड़ोस के लोगों ने भी काफी मदद की और उनके घर में राशन पहुँचाते रहे। घर में भरपेट खाना न मिलने से काफी सदस्य बीमार होने लगे।
Covid-19 की वज़ह से परिवार के कमाने वाले सदस्य को खोने वाले परिवारों को आर्थिक सहायता |
जानकारी के मुताबिक उनके घर में पिछले दस दिनों से किसी ने रोटी नहीं खायी और पानी पीकर ही सो जाते थे। इसकी जानकारी जब उनकी बड़ी बेटी को हुई तो वह फौरन ही अपने पति के साथ घर पहुँची और सबको अस्पताल पहुँचाया जहाँ उनका इलाज चल रहा है,वहीं उनकी बड़ी बेटी की माली हालत उतनी ठीक नहीं है।