ह तो भइया… कुल मिला कर बात ये है कि Yash Raj Films के पास पैसा बहुत है, लेकिन कहानी नही… Film में Wow Factor की भरपूर कमी है… कई बार कहानी अपने मूल विषय से भटक जाती है… ये फ़िल्म Ranbir Kapoor से ज्यादा, Sanjay Dutt की लगती है।
Story :-
फ़िल्म की पूरी कहानी “शमशेरा” यानी कि Ranbir Kapoor” के आस पास घूमती है। कहानी के शुरू में ऐसा बताया जाता है कि मुगलों के शासन में “खमेरा” जाति के लोगों पर अत्याचार होने के कारण, उन्हें अपना घर-बार सब छोड़कर जाना पड़ता है। इसके बाद अंग्रेजों का जेलर “शुद्ध सिंह” यानी कि संजय दत्त “शमशेरा” और उनकी जाति के लोगो को धोखा दे कर बन्दी बना लेता है।
आगे “शमशेरा” अपनी जाति के लोगो को जेलर “शुद्ध सिंह” से कैसे बचा पाता है ? फ़िल्म खत्म होते ये आपको पता चल जाएगा।
शुरू में कहानी बहुत धीमी है। शुरुवाती कुछ Scene अंदर से जोश जगाते हैं… लेकिन फिर सब कुछ धीमा पर जाता है। फ़िल्म की कहानी कई बार अपने मूल विषय से भटक जाती है। कमजोर कहानी की वजह से कई बार दर्शक कहानी से खुद को जोड़ नही पाते… और हॉल में बैठ कर फ़िल्म देखने की बजाए फ़ोन चलाते नज़र आते है।
Actor Performance :-
Film की जान “संजू बाबा” हैं… पर्दे पर जितनी बार “संजय दत्त” आते है… कमाल कर के जाते है। Ranbir Kapoor ने काम अच्छा किया है… हालांकि इस किरदार के लिए Ranbir Kapoor कई बार कमजोर लगते है… दर्शको का ताली संजय दत्त लूट ले जाते है। “Vaani Kapoor” का होना ना होना बराबर है… रोनित रॉय का किरदार छोटा है…जिस वजह से दर्शकों के बीच वो अपनी छाप नही छोड़ पाते। Saurabh Sukhla का काम बहुत अच्छा है।
Direction :-
Film के डायरेक्टर “कारण मल्होत्रा”… इसके पहले करण मल्होत्रा ने “अग्निपथ”, “ब्रदर्स” और बहुत सारी फिल्मों को डायरेक्ट किया है। बात इस फ़िल्म की करें तो… कुछ जगह Direction काफी कमजोर लगता है। फ़िल्म में Wow Factor की भरपूर कमी है। दर्शक को हर Scene में बांधने में Director नाकामयाब दिखाई पड़े हैं। कुछ scene को बहुत शानदार तरीके से फ़िल्माया गया है, जहाँ वाकई में डायरेक्टर की तारीफ बनती है।
Cinematography :-
कैमरा वर्क की बात करे तो, यहाँ पर फ़िल्म को 10 में 10 अंक मिलते है। Establishment शॉर्ट काफी बेहतरीन तरीके फ़िल्माया गया है। Action Sequence में Cinematographer का काम देखने लायक है।
अब थोड़ा Filmy भाषा मे बात करें तो :- Screenplay कुछ जगह बहुत शानदार है… Dialogue ऐसा कुछ है नही जो दिलों दिमाग पर चढ़ सके… Action Sequence को अच्छा फ़िल्माया गया है… Music कुछ जगह आपको बेमतलब का लग सकता है… लेकिन Ticket के पैसे लगे है तो Vaani Kapoor को देखना बनता है।
क्यों देखें ये फ़िल्म :-
Action फिल्मो की शोक रखते हैं… और अगर “संजय दत्त” को इस शानदार किरदार में देखना चाहते हैं… तो ये फ़िल्म आपके लिए है।
अंततः यही कहेंगें, की Ranbir Kapoor की अगली फिल्म का इंतज़ार करें… ये वाली तो बस 3, 4 दिन की मेहमान है… अगले हफ्ते फिर से South वाले आरहे हैं Kiccha Bhai के साथ Vikrant Rona ले कर Bollywood की खटिया खड़ी करने।