Sunday, December 3, 2023

Sidbi का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2020 की तुलना में वित्त वर्ष 2021 में 3.6% बढ़ा

सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (MSME) के वित्तपोषण और सहायता करने में सतत प्रयासरत अखिल भारतीय विकास वित्तीय संस्था, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) की 23वीं वार्षिक आम बैठक में 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष के वित्तीय परिणाम घोषित किए गए। सिडबी को बीते साल के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 3.6 फीसदी का अधिक शुद्ध लाभ हुआ है।


जारी किए गए नतीजों के मुताबिक SIDBI का वित्त वर्ष 2021 में वित्त वर्ष 2020 की तुलना में परिचालनगत लाभ (प्रावधान से पहले) रु. 4,063 करोड़ रहा इस प्रकार इसमें 8 फीसदी की वर्ष-प्रति-वर्ष वृद्धि दर्ज की गयी। वित्त वर्ष 2021 में वित्त वर्ष 2020 की तुलना में शुद्ध लाभ में 3.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2021 में बढ़ कर रु. 2,398 करोड़ हुआ जहां वित्त वर्ष 2020 में यह रु. 2,315 करोड़ था। SIDBI की वित्त वर्ष 2021 में ब्याज आय (एनआईआई) 11.5 फीसदी की वृद्धि के साथ रु.3678 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह रु.3299 करोड़ था। इसी तरह वित्त वर्ष 2021 में गैर-ब्याज आय मामूली रूप से घटकर रु.944 करोड़ रुपए रही, जबकि वित्त 2020 में यह रु.1,069 करोड़ थी।

SIDBI की 31 मार्च, 2021 को कुल ऋण-अग्रिम 5.6 फीसदी (वर्ष-प्रति-वर्ष) की मामूली गिरावट के साथ रु.1,56,233 करोड़ रुपये रहा, जबकि यथा 31 मार्च, 2020 तक यह रु.165,422 करोड़ था। नतीजों के मुताबिक 31 मार्च, 2021 को सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (जीएनपीए) के अनुपात में 45 आधार बिन्दुओं की कमी आई, जो 0.63 फीसदी से घटकर 0.18 हो गया और निवल गैर-निष्पादित आस्तियों के अनुपात में 28 आधार बिन्दुओं की कमी हुई और यह 0.40 फीसदी से घटकर 0.12 फीसदी हो गया। सकल गैर निष्पादक आस्तियाँ यथा 31 मार्च, 2020 के रु.1,040.84 करोड़ से घटकर यथा 31 मार्च, 2021 को रु.282.31 करोड़ हो गईं, साथ ही इसी अवधि में निवल गैर निष्पादक आस्तियाँ भी रु.658.64 करोड़ से घटकर रु.185.25 करोड़ हो गईं। सिडबी का 31 मार्च, 2021 को पूंजी पर्याप्तता अनुपात 27.49 फीसदी रहा, जबकि 31 मार्च, 2020 को यह 26.62% था। वित्त वर्ष 2021 में प्रति शेयर बही मूल्य बढ़कर रु.388.54 हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह रु.339.13 था।

अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, SIDBI शिवसुब्रमणियन रमण, ने इस मौके पर कहा कि SIDBI, कोविड-19 के कारण MSME क्षेत्र के सामने उत्पन्न हुई चुनौतियों के प्रति क्रियाशील रहा है। साझेदार ऋणदात्री संस्थाओं को भारत सरकार/ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दिए जाने वाले निधि समर्थन को आगे प्रवाहित करने के अलावा, SIDBI ने MSME के पुनुरुज्जीवन और उन्हें फलने-फूलने में सीधे सक्षम बनाने के लिए सेफ, सेफप्लस, आरोग, और त्वरित जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं।

MSME क्षेत्र की नई और बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए सिडबी ने अन्य बातों के साथ-साथ डिजिटल पोर्टलों के माध्यम से राष्ट्रीय मिशनों को सशक्त बनाने, MSME पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 11 राज्यों में परियोजना प्रबंधन इकाइयों की स्थापना करने, 7 राज्यों में 1700 महिला गृहस्वामियों का समर्थन करने तथा युवाओं / विस्थापित आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु 100 स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र स्थापित करने और एमएसएमई के लिए स्वावलंबन आपदा प्रतिक्रिया कोष की स्थापना करने सहित अपनी विकासोन्मुख आबद्धताओं को सतत जारी रखा है।

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