उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का कहर जारी है, इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी चिंता जताते हुए सोमवार को ही सरकार को हर जिले में 20 एंबुलेंस और हर गांव में 2 ICU वाली एंबुलेंस तैनात करने का आदेश दिया है और CHC व PHC में भी सुविधाएं बढ़ाने को कहा है।
अगर गोरखपुर, अमेठी, कानपुर, बुलंदशहर और बागपत के 6 बड़े गांवों की बात की जाये तो इन गांवों में लोग दहशत में हैं, सिर्फ एक महीने के अंदर इन 6 गांवों में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, इनमें ज्यादातर को बुखार व सांस फूलने की समस्या थी |
संग्रामपुर में पिछले 20 दिनों में 35 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। कानपुर शिवली रोड पर बसे टिकरा गांव में अब तक 17 मौतें हो चुकी हैं। पहली मौत 15 अप्रैल को हुई थी
अमेठी के मुसाफिरखाना तहसील के दादरा गांव और अमेठी तहसील के टीकर माफी गांव में इन दिनों सन्नाटा पसरा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, अब तक दोनों गांवों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेठी तहसील से 10 किलोमीटर दूर भादर ब्लॉक में 24 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 14 मौत इस ब्लॉक के टीकरमाफी गांव में ही हुई हैं।
अमेठी के CMO आशुतोष दुबे कहते हैं कि, हमने CHC अधीक्षक को अपनी टीम के साथ इलाके का इंस्पेक्शन करने और संदिग्धों की जांच कराने को कहा है।
बागपत के तमेलागढ़ी में पिछले 30 दिन में 25 मौत होने से हड़कंप मचा हुआ है। 7,000 की आबादी वाले इस गांव में 800 परिवार रहते हैं। ये गांव बागपत, मुजफ्फरनगर और मेरठ की सीमाओं से लगा हुआ है।
बिनौली CHC अधीक्षक डॉ. अतुल बंसल बताते हैं कि गांव में 15-20 लोगों की मौत होने की सूचना मिली थी। जांच में पता चला कि इन सभी को पुरानी बीमारियां थीं। अब डोर टू डोर गांवों में अभियान चलाया जा रहा है।
बुलंदशहर के कुंवरपुर गांव में 15 दिन के अंदर 28 लोगों की मौत हो चुकी है। गांव वालों का आरोप है यहां स्वास्थ्य विभाग कोई जांच नहीं कर रहा, इसलिए पता भी नहीं चल रहा कि किसे कोरोना है, किसे नहीं है।