सनसनी फैला देने वाली घटना UP के पीलीभीत की है, जहाँ बाघों के हमले कारण दो युवक अपनी जान से हाथ धो बैठे। वहीं बाघों के इस खतरनाक हमले में एक युवक ने पूरी रात पेड़ में बैठ करके किसी तरह जान बचाई है, वहीं वह ही इस घटना के चश्मदीद गवाह है। उन्होंने बातचीत करते हुये बताया कि गाँव दियोरिया से वह उनके मित्र कंधई और सोनू के साथ जलालपुर पहुँचे। यहीं पर उनके मित्र कंधई की ससुराल है। वहीं जलालपुर पहुँच-करके दोनों ने शाम तक सबसे मुलाकात की।
इसके बाद वह सब बाइक में सवार होकर अपने गाँव दियोरिया के लिये चल दिये, रास्ते में दियोरिया जंगल के पास हमें वनकर्मी ने बाघों के होने की इंतला दी। लेकिन हम सब गाँव पहुँचने की जल्दी में थे, तो हम उन्हें अनसुना करके आगे बढ़ गये। वहीं जंगल के अंदर 15 ही बाइक चल पायी होगी कि, हमें दो बाघ सड़क किनारे दिखाई दिये। हड़बड़ाहट में दोस्त ने बाइक बन्द की , बाघ हमसे कुछ ही दूरी पर थे। हम तीनों संभल पाते इससे पहले ही उन्होंने हम पर हमला कर दिया। उन्होंने आगे बताया कि बाइक उनका मित्र सोनू चला रहा था, वह सबसे पीछे हेलमेट लगाकर बैठे हुये थे, बाघ ने उनके सिर पर वार किया लेकिन हेलमेट की वजह से वह बच गये और भागने लगे।
वहीं कुछ ही दूरी पर उन्होंने एक पेड़ पर शरण ली, जबकि उनके दोनों दोस्त सड़क में दौड़ रहे थे। वहीं बाघ ने सोनू को हमला करके थोड़ी देर बाद मार डाला, उन्होंने इसकी झलक भर देखी। वहीं उनके मित्र कंधई ने भी पेड़ पर चढ़ने की कोशिश की लेकिन उन्हें बाघों ने झपट्टा मारकर नीचे गिरा दिया। इसके बाद बाघ वहीं घूमने लगे उन्हें भी लगा कि वह भी मार दिये जायेंगे क्योंकि बाघ उन्हें लगातार ढूंढ रहे। दहशत के कारण उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली और मौत का इंतजार करने लगे। पूरी रात बीतने के बाद सुबह उन्हें कुछ ग्रामीणों की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद उन्होंने लोंगो को पुकारा। उन लोगों ने पास आकर मुझे हिम्मत बंधाई, इसके बाद मैं पेड़ से उतरा।