बुंदेलखंड की धर्म नगरी के रूप में विख्यात चित्रकूट में इन दिनों RSS का समुद्र मंथन चल रहा है, जहाँ RSS के दिग्गजों का जमावड़ा लगा हुआ। संघ प्रमुख मोहन भागवत इस पूरे मंथन की बागडोर खुद ही संभाले हुये है, पाँच दिवसीय इस महत्वपूर्ण बैठक में एक सियासी तीर निकल करके UP के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा चुका है। वहीं अब राजनीतिक विश्लेषक वहाँ की बैठक में नजरें लगातार बनाये हुये है, क्योंकि BJP की UP विधानसभा-2022 के चुनाव की लंबी तैयारी यहीं चल रही है।
मथी जा रही BJP, सरकार के जमीनी रिपोर्ट कार्ड RSS की खास नजर
चित्रकूट में हो रही इस बैठक को BJP की महत्वपूर्ण बैठकों में देखा जा रहा है। जहाँ UP में जनसंख्या विधेयक को, इस बैठक के खास नतीजों में देखा जा रहा है, विश्लेषक यही मानते है कि इस बार UP विधानसभा चुनाव चार पार्टियों के बीच लंबी खींचतान वाला होने वाला है, ऐसे में RSS BJP को उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में लाने के लिये कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है। वहीं योगी सरकार के रिपोर्ट कार्ड की बात करें तो कोरोना संक्रमण के दौरान BJP के वोट प्रतिशत को अच्छा खासा नुकसान प्रशासनिक हुक्मरानों के रवैये के चलते झेलना पड़ा है।
मुख्यमंत्री योगी का संघम शरणम गच्छामि फॉर्मूला हुआ है कामयाब
वहीं RSS ने 2017 के चुनाव में तगड़ा रोल अदा किया था, जिससे BJP ने विपक्षी पार्टियों को चारों खाने चित्त कर दिया था। इस बार का विधानसभा चुनाव ठीक उलट स्थिति दर्शा रहा है, जिससे RSS के बड़े नेताओं का चिंता में आना वाजिब था। वहीं ठीक चुनाव के पहले UP BJP में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर पशोपेश की स्थिति बन आयी थी, जिसमें संघ ने दखल देकर “सब ठीक है” जैसा कर दिया है, लेकिन अंदर की खबर यही है कि कुछ बड़े चेहरे चुनाव के पहले ही BJP से नाता तोड़, BJP को अंदरूनी पटखनी दे सकते है। इसी कारण से RSS ने कमान फिर से संभाली है, जिससे BJP का वर्षों का वनवास भगवान राम की तरह धर्मनगरी चित्रकूट से ही खत्म हो जाये।